सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥~~~~~~~~~~~~~~~~~~ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी । दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोअ~स्तुते॥~~~~~~~~~~~~~~~~~~सर्वबाधा प्रशमनं त्रेलोक्यस्यखिलेशवरी। एवमेय त्वया कार्य मस्माद्वैरि विनाशनम्‌॥~~~~~~~~~~~~~~~~~~ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्‍टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वाम् कीलय बुद्धिम्विनाशाय ह्रीं ॐ स्वाहा।।

Monday 8 April 2013

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे.
भक्त जनों के संकट क्षण में दूर करें,
जो ध्यावे फ़ल पावे, दुख विनसे मन का. स्वामी ...
सुख संपत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का. ॐ ...
मात - पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी. स्वामी ...
तुम बिन और न दूजा, आस करू जिसकी. ॐ...
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी.स्वामी...
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी. ॐ...
तुम करुणा के सागर, तुम पालन कर्ता.स्वामी...
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता. ॐ...
तुम हो एक अगोचर, सब के प्राणपति. स्वामी...
किस विधि मिलूं गौसाई , तुम को मैं कुमति. ॐ...
दीन बन्धु दुखहर्ता, ठाकुर तुम मेरे. स्वामी...
अपने हाथ बढ़ाओं, द्वार पड़ा तेरे. ॐ ....
विषय विकार मिटाओं, पाप हरो देवा. स्वामी...
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओं, सन्तन की सेवा. ॐ...
श्री जगदीश जी की आरती, जो कोई नर गावे. स्वामी...
कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपत्ति पावे. ॐ...

No comments:

Post a Comment